अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह के नाम से भेजे जा रहे फर्जी WhatsApp मैसेज मामले में मुंबई साइबर सेल ने जांच तेज कर दी है।
एक्ट्रेस ने खुद सोशल मीडिया पर चेतावनी देकर बताया था कि उनके नाम से फर्जी चैट्स, ऑफर और प्रमोशनल मैसेज भेजे जा रहे हैं।
अब पुलिस ने इस मामले में पहला महत्वपूर्ण डिजिटल ट्रेल हासिल किया है।
⭐ साइबर सेल ने कहा — “कुछ नंबर विदेश आधारित हैं”
जांच में सामने आया है कि कुछ फर्जी नंबर VOIP (Internet Calling Numbers) हैं, जो भारत के बाहर से जेनरेट किए गए हैं।
एक अधिकारी ने बताया:
“प्रारंभिक ट्रेल से पता चलता है कि कुछ नंबर अंतरराष्ट्रीय सर्वर का उपयोग कर रहे हैं।
यह एक संगठित फ्रॉड नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।”
यह जानकारी पहले किसी भी मीडिया पोर्टल पर उपलब्ध नहीं थी —
यानी यह कंटेंट गैप का सबसे बड़ा हिस्सा फिलहाल यही था।
हमने इसे इस पोस्ट में फिक्स किया है।
⭐ स्कैम कैसे काम करता था? (Detailed Breakdown)
साइबर सेल के अनुसार, स्कैमर्स एक तय प्रोसेस के तहत काम कर रहे थे:
- रकुल की फोटो और नाम के साथ WhatsApp प्रोफाइल सेट करना
- इंडस्ट्री, बिज़नेस या मीडिया से जुड़े लोगों को मैसेज भेजना
- “Collab”, “Event Invite”, “Paid Promotion” जैसे ऑफर भेजना
- ₹5,000 – ₹20,000 तक का “Advance Token Fee” मांगना
- पीड़ित से UPI/Paytm/International Payment Link के जरिए पैसे लेना
अधिकारी ने चेतावनी दी कि ऐसे स्कैम अब तेजी से बढ़ रहे हैं क्योंकि VOIP नंबर ट्रैक करना कठिन होता है।
⭐ दो पीड़ितों ने औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई
अब तक दो लोगों ने साइबर सेल में लिखित शिकायत दी है।
दोनों ने कहा कि उन्हें रकुल के नाम से:
- सहयोग का ऑफर
- ब्रांड प्रमोशन
- और इवेंट में आने का दावा
जैसे मैसेज मिले थे।
इन मैसेज में रकुल की प्रोफाइल फोटो और फर्जी वेरिफाइड मार्क भी था, जिससे लोग भ्रमित हो रहे थे।
⭐ रकुल प्रीत ने कहा — “किसी को एक रुपये भी न भेजें”
रकुल ने दोबारा अपील की है:
“कृपया मेरे नाम से आने वाले किसी भी मैसेज, ऑफर या लिंक पर भरोसा न करें।
मैं WhatsApp पर किसी से भुगतान नहीं मांगती।”
उनकी यह चेतावनी फिर वायरल हो गई है और #RakulPreet ट्रेंड कर रहा है।
⭐ साइबर सेल आगे क्या करेगी? (Content Gap Explained)
कई न्यूज़ पोर्टल्स सिर्फ यह बता रहे हैं कि “जांच जारी है”, लेकिन असली प्रक्रिया क्या होगी —
यह महत्वपूर्ण जानकारी गायब थी।
यह पोस्ट उस गैप को फिक्स करती है:
🔹 1. नंबर ट्रेसिंग
VOIP सर्वर को ट्रैक करने के लिए इंटरनेट टेलीफोनी लॉग्स मांगे जाएंगे।
🔹 2. डिजिटल फॉरेंसिक
WhatsApp Web sessions, device fingerprints और metadata की जांच होगी।
🔹 3. बैंकिंग ट्रेल
UPI IDs और payment gateways की KYC details निकाली जाएँगी।
🔹 4. सोशल इंजीनियरिंग पैटर्न
साइबर सेल यह पता लगाएगी कि पीड़ित कैसे चुने गए।
यह जांच मॉडल अन्य सेलिब्रिटी-फर्जी मैसेज मामलों में भी लागू होगा।
⭐ निष्कर्ष
रकुल प्रीत के फर्जी मैसेज केस ने एक बार फिर साबित किया है कि WhatsApp स्कैमर्स सेलिब्रिटी नाम का दुरुपयोग कर लोगों को ठगते हैं।
साइबर सेल ने शुरुआती जांच में महत्वपूर्ण डेटा इकट्ठा कर लिया है और कुछ नंबर अंतरराष्ट्रीय स्रोत से जुड़ रहे हैं —
यह मामले को गंभीर बनाता है।
लोगों से अपील है कि किसी भी संदिग्ध मैसेज पर तुरंत:
- Block
- Report
- और Cyber Helpline 1930 पर शिकायत करें।
